लीडरशिप के अभाव में धोबी समाज का विकास नहीं हो पाया— अजय रजक

नई दिल्ली, 30 अप्रैल। धोबी समाज के अतीत, रीति रिवाजों , जानी मानी शख्सियतों पर लिखी गई पुस्तक ‘राम राज्य से लोकतंत्र तक’ इस समाज के कई अनछुए पहलुओं के बारे में जानकारी दी गई है। पुस्तक के लेखक अजय रजक ने काफी शोध के बाद धोबी समाज पर पहली पुस्तक तैयार की है।
अजय रजक आईआईटी वाराणसी से एमटेक और नाल्सार यूनिवर्सिटी हैदराबाद से एडीआर कॉन्ट्रैक्ट मैनजमेंट में पीजी डिप्लोमा किए हैं। अजय रजक बताते हैं कि यह किताब  रजक (धोबी) समाज के इतिहास और मौजूदा समय में इस समुदाय के समक्ष उपस्थित चुनौतियों के ऊपर  वर्षों के शोध के बाद लिखा गया है। दरसल वो खुद भी इसी समाज से आते हैं , किताब के बारे में संछेप में बताते हुए उन्होंने कहा है कि देश की कुल आबादी में लगभग 7करोड़ की हिस्सेदारी धोबी समाज की है। देश की आज़ादी के 70 साल  बाद भी कुछ समुदाय का समुचित विकास नही हुआ है जिसका प्रमुख कारण समुदाय में लिडर शिप का आभाव  रहा है जो समुदाय को देश के अन्य वर्गों के साथ आगे बढ़ाने का काम करें । समाज में कई  बड़े संत ,समाजसेवी  और देशभक्त हुए हैं जिन्होंने अपना पूरा जीवन काल समाज सेवा में लगा दिया है लेकिन शिक्षा और गरीबी  के कारण हमारी। नई पीढ़ी उन्हें भुला दिया  वो इतिहास के पन्नों से गायब हैं । ऐसी बहुत सी बातों को तथ्यों के साथ इस किताब में विस्तार से चर्चा किया गया है। किताब का शीर्षक रजक समाज “राम राज्य से लोकतंत्र तक” ये बताने के लिए काफी है की रजक समाज हर काल खंड में देश के लिए अपना योगदान देता रहा है। पुस्तक में रजक समाज का राम राज्य से अभी तक के इतिहास को उकेड़ा गया है साथ हीं समाज के उत्थान से जुड़े मुद्दे पर एक विस्तृत चर्चा की गई है।

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